Wednesday 15 June 2016

तमन्ना…

जिसके लिए जलाए थे सितारे चराग से
पूनम की उस चमक को बादल चुरा लिए ।
झूठे से दो पलों की शिकायत करें तो क्यों
न तुम कभी खफा थे न हम बेवफा हुए ।
शर्मों हया की सुर्खियां खामोशियाँ बनी
ज़ाहिर न इशारा किये नुमायां नहीं किये ।
लूटे थे खुद ही आपकी खुशियां तमाम जो


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