Tuesday 14 June 2016

तेरे नैन मेरे बैन …


तेरे नयनो की धवल शांति में
डूबता तैरता मेरा मन
कभी तिनके का सहारा
कभी स्वयं जलधारा
नयनो के सहारे हृदय की दहलीज़ पर
दस्तक देता मेरा मन
जाने कब से तेरी भावना के सागर में उफान के इंतज़ार में
खड़ा हुआ............


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